tag:blogger.com,1999:blog-6460618510921298428.post1440425189062647376..comments2012-06-09T00:13:37.505-07:00Comments on NAYI KAHANI: Kahani me sach hai ya sach hi kahani hai ???RAKHIhttp://www.blogger.com/profile/12165876801492934217noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6460618510921298428.post-74935300801765825612012-06-09T00:13:37.505-07:002012-06-09T00:13:37.505-07:00"हर कही जाने वाली बात कब कहानी बन जा..."हर कही जाने वाली बात कब कहानी बन जाती है किसी को पता भी नहीं चलता और हर सुनी जाने वाली बात सच हो तो <br />फिर कहानी का मज़ा नहीं रह जाता . ऐसे ही कुछ खट्ठे- मीठे कहा -सुनी से जीवन की कहानी बनती है . इस कहानी के पात्र भी हम ही हैं और कथाकार भी हम खुद हैं , सारे चरित्र हमारे अपने खुद के गढ़े हुए हैं , इन सारे पात्रों में हमारा सच क्या है ? इसे अगर हमने पहचान लिया तो हम , जीवन की इस कहानी को समझ जायेंगे ..............."<br />निसंदेह सुंदर पंक्तियाँ .....<br />-------------------------------------------------<br /> पी.एस. भाकुनी<br />------------------------------------------------पी.एस .भाकुनीhttps://www.blogger.com/profile/10948751292722131939noreply@blogger.com